किसी प्रोग्राम में किसी विशेष शर्त के पूरा होने तक प्रोग्राम के किसी भाग की पुनरावृत्ति होने को लूपिंग (Looping) कहा जाता है।
जब हमें एक अथवा एक से अधिक स्टेटमेन्टस को एक से अधिक बार कार्यान्वित करना होता है, तब हम प्रोग्राम में लूपिंग का प्रयोग करते हैं। इसके द्वारा प्रोग्राम के किसी भाग की पुनरावृत्ति तब तक होती रहेगी, जब तक कि दी हुई शर्त पूरी होती रहती है।
'सी प्रोग्रामिंग भाषा में लूपिंग की प्रक्रिया चार चरणों में पूर्ण होती है। प्रथम चरण में एक Counter वेरिएबल को परिभाषित किया जाता है ताकि लूप कितनी बार कार्यान्वित हुआ है यह ज्ञात हो सके। द्वितीय चरण में लूप में स्थित स्टेटमेन्टस को कार्यान्वित किया जाता है। तृतीय चरण में लूप के परिभाषित शर्तों को जाँचा जाता है और अन्तिम एवं चतुर्थ चरण में लूप का एक कार्यान्वयन होने पर counter में एक जुड़ेगा। इसी प्रकार मान लीजिए लूप यदि दस बार कार्यान्वित होता है कि लूपिंग के अन्त में counter का मान दस हो जाएगा। प्रोग्रामिंग में मुख्य रूप से दो प्रकार के लूप होते हैं: एंट्री कंट्रोल्ड लूप्स: एंट्री कंट्रोल्ड लूप्स में लूप के मुख्य भाग में प्रवेश करने से पहले परीक्षण की स्थिति की जाँच की जाती है। लूप के लिए और जबकि लूप एंट्री-नियंत्रित लूप है। एग्जिट कंट्रोल्ड लूप्स: एग्जिट कंट्रोल्ड लूप्स में टेस्ट कंडीशन का मूल्यांकन लूप बॉडी के अंत में किया जाता है। लूप बॉडी कम से कम एक बार निष्पादित होगी, भले ही स्थिति सही हो या गलत। डू-जबकि लूप एग्जिट कंट्रोल्ड लूप है।
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