हेल्लो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज देंगे जैसे:-
- कंप्यूटर क्या है?
- कंप्यूटर की फुल फॉर्म क्या है?
- कंप्यूटर के कार्य क्या है?
- कंप्यूटर के क्या उपयोग हैं?
- कंप्यूटर के फीचर्स क्या है?
आजकल कम्प्यूटर प्रतिदिन की बोलचाल में प्रयुक्त होने वाला एक जाना-पहचाना शब्द है। इस समय हमारे दैनिक जीवन के हर क्षेत्र में कम्प्यूटर ने अपना स्थान बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है। उदाहरण के लिए, हमारे बिजली तथा टेलीफोन के बिल कम्प्यूटर द्वारा छापकर भेजे जाते हैं, रेलगाड़ियों और हवाई जहाजों में सीटों का आरक्षण कम्प्यूटर द्वारा किया जाता है और बैंकों में अधिकतर कार्य कम्प्यूटर की सहायता से होने लगा है। यहाँ तक कि जब हम किसी बड़ी दुकान पर खरीदारी करने जाते हैं, तो उसका बिल भी कम्प्यूटर से बनाया जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि अब कम्प्यूटर गिनी-चुनी जगहों पर काम में आने वाली दुर्लभ मशीन नहीं रह गया है, बल्कि स्कूटर, टेलीफोन, टी0वी0, मोटरकार आदि की तरह घरेलू उपयोग की वस्तु बनता जा रहा है। इसलिए लोग आजकल के युग को 'कम्प्यूटर का युग' कहने लगे हैं।
'कम्प्यूटर' शब्द अंग्रेजी भाषा कम्प्यूट (Compute) से बना है, जिसका अर्थ है- (To Compute) गणना करना। अतः कम्प्यूटर का शाब्दिक अर्थ है-गणना करने वाला। दूसरे शब्दों में, कम्प्यूटर ऐसी मशीन है जो गणनाएँ करती है या गणना करने में हमारी सहायता करती है। हालांकि आजकल कम्प्यूटर का जो रूप प्रचलित है और उनका जो उपयोग किया जाता है, उसमें गणना करना अर्थात् जोड़ना, घटाना, गुणा करना, भाग देना आदि गणितीय संक्रियाएँ करना तो उसके द्वारा किए जाने वाले बहुत-से कार्यों का एक छोटा-सा भाग मात्र है। लेकिन प्रारम्भ में कम्प्यूटर की कल्पना और विकास एक ऐसे यंत्र के रूप में किया गया था, जो तेज गति से गणनाएँ कर सके। बाद में इसकी विलक्षण क्षमताओं और विशेषताओं को देखकर इसका उपयोग बहुत-से कार्यों में किया जाने लगा, परन्तु इसका नाम कम्प्यूटर ही प्रचलित एवं रूद हो गया।
आजकल कम्प्यूटरों का मुख्य कार्य है-दिए हुए आँकड़ों या डाटा को ग्रहण करके अपने भंडार या स्मृति (Memory) में सुरक्षित रखना और आवश्यकता पड़ने पर उसे अपने भंडार से निकालकर उचित रूप में प्रदर्शित करना या उसमें से उपयोगी जानकारी निकालना । दिए हुए डाटा को प्रदर्शित करने योग्य बनाने के लिए अथवा उसमें से उपयोगी सूचनाएँ निकालने के लिए हमें उस डाटा पर कई प्रकार की क्रियाएँ, गणनाएँ, तुलनाएँ, परिवर्तन आदि (Calculation, Compare Changes etc.) करनी पड़ती हैं। इन क्रियाओं को सम्मिलित रूप में प्रोसेसिंग (Processing) कहा जाता है। अतः किसी कम्प्यूटर का मुख्य कार्य दिए हुए इनपुट (डाटा) को प्रोसेस करके उसमें आउटपुट (सूचनाएँ) निकालना होता है। इसको चित्र में समझाया गया है।
कंप्यूटर की फुल फॉर्म क्या है?
कम्प्यूटर पर इतने अधिक निर्भर हो गए हैं कि बहुत-से कार्य बिना इसकी सहायता के असम्भव-से लगने लगे है। उदाहरण के लिए, भारत में (तथा विदेशों में भी) रेलगाड़ियों में सीटों और शायिकाओं के आरक्षण का कार्य दशकों से हाथ से ही किया जाता रहा है, लेकिन आजकल लगभग सारा ही आरक्षण कार्य कम्प्यूटरों पर किया जा रहा है और इन पर हमारी निर्भरता इतनी बढ़ गई है कि आरक्षण कार्य करने की कल्पना ही कठिन हो गई है। यद्यपि किसी यंत्र पर इतना अधिक विश्वास करना और निर्भर हो जाना एक दृष्टि से अनुचित है, परन्तु इसके बिना गुजारा होना भी सम्भव नहीं है। कहने का तात्पर्य यह है कि हमारे दैनिक जीवन में कम्प्यूटर होने पर उन्हें इतने ही तेज का हस्तक्षेप और महत्त्व इतना बढ़ गया है कि यह सुविधा और आवश्यकता की श्रेणियों को पार करके अब अनिवार्यता की श्रेणी में आ गया है।
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हमारे दैनिक जीवन के अलावा बहुत-से वैज्ञानिक कार्य तो ऐसे हैं, जो कम्प्यूटर के बिना किए ही नहीं जा सकते। उदाहरण के लिए, कृत्रिम उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर स्थापित करना, मौसम विज्ञान की गणनाएँ करना, सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक यंत्र बनाना आदि कार्य कम्प्यूटर के बिना हो पाना असम्भव ही हैं। इस कारण से भी कम्प्यूटर की अनिवार्यता बढ़ गई है। विज्ञान के बहुत-से क्षेत्रों में कम्प्यूटर की सहायता से प्रगति सम्भव हुई है।
कम्प्यूटर ने धीरे-धीरे जीवन के इतने अधिक क्षेत्रों में अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है कि यह कहना कठिन हो गया है कि हमारा कौन-सा कार्य ऐसा है, जिसमें कम्प्यूटर का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हाथ न रहा हो। हमारा दिन प्रातः काल समाचार-पत्र पढ्ने कम्प्यूटर की भंडारण क्षमत से शुरू होता है, जो कम्प्यूटर द्वारा ही छापा जाता है और रात्रि में हम टेलीविजन देखते हुए सोते हैं, जिसका तो सारा कार्य ही जाता है। साधारण छोटे क कम्प्यूटर की सहायता से चलता है। बीच के सारे समय में भी हम विविध कार्यों को करते समय बहुत-सी वस्तुओं का उपयोग करते (अर्थात् हैं, जो अधिकांश कम्प्यूटर की सहायता से ही तैयार की गई होती हैं।
कंप्यूटर के क्या उपयोग हैं?
कंप्यूटर का उपयोग डेटा प्रोसेसिंग, भंडारण और पुनर्प्राप्ति, संचार, मनोरंजन, शिक्षा, अनुसंधान और कई अन्य कार्यों सहित कई प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है। कंप्यूटर के कुछ सामान्य विशिष्ट उपयोगों में शामिल हैं:
- वर्ड प्रोसेसिंग और अन्य कार्यालय कार्य
- वेब ब्राउजिंग और इंटरनेट संचार
- मीडिया खपत, जैसे संगीत और वीडियो प्लेबैक
- खेल
- ऑनलाइन शॉपिंग और बैंकिंग
- ग्राफिक डिजाइन और वीडियो संपादन
- डेटा विश्लेषण और विज़ुअलाइज़ेशन
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग
- वैज्ञानिक अनुसंधान और सिमुलेशन
- औद्योगिक प्रणालियों का नियंत्रण और निगरानी।
कंप्यूटर के फीचर्स क्या है?
कम्प्यूटर की विशेषताएँ (Features of Computer)
कम्प्यूटर का महत्त्व, लोकप्रियता और व्यापकता का रहस्य उसके कुछ विशेष गुणों में है जो उसे अन्य प्रकार की मशीनों से अलग करते हैं। प्रत्येक कम्प्यूटर में उसके आकार-प्रकार और क्षमता के अनुसार भिन्न-भिन्न गुण विद्यमान हैं, परन्तु निम्नलिखित गुण या विशेषताएँ सभी कम्प्यूटरों में कम या अधिक मात्रा में अवश्य पाये जाते हैं-
(1) गति (Speed)-कम्प्यूटर का सबसे पहला और बड़ा गुण गणना करने की उसकी तीव्र गति ही है। वास्तव में कम्प्यूटर क निर्माण ही तेज गति से करने वाली एक मशीन के रूप में किया गया था। प्रारंभिक कम्प्यूटर गणनाएँ करने में इतने तेज थे कि हम सोच भी नहीं सकते। जैसे-जैसे इलेक्ट्रॉनिकों का विकास होता जा रहा है, वैसे-वैसे कम्प्यूटरों की गति बढ़ती जा रही है।
आजकल के नवीनतम कम्प्यूटर (लेपटॉप, टेबलेट, अंड्रोयड फोन) की गति हमारी कल्पना से बाहर की बात है। इसको समझने के लिए इतना जान लेना पर्याप्त होगा कि आजकल के औसत कम्प्यूटर के 18 अंकों वाली दो संख्याओं को जोड़ने में केवल 300 से 400 नैनो सेकण्ड लगते हैं। दूसरे शब्दों में, एक साधारण कम्प्यूटर एक सेकण्ड में ऐसी 30 लाख गणनाएँ करने में समर्थ है। अब तो इससे भी कहीं अधिक तीव्र गति से गणनाएँ करने वाले कम्प्यूटर बन गए हैं।
(2) भंडारण क्षमता (Storage Capacity)-कोई भी कम्प्यूटर उसको दी गई सूचनाओं पर बहुत तीव्र गति से कार्य करता है। उसके ग्रुप का लाभ लेने के लिए यह आवश्यक है कि उसके पास सूचनाओं को स्टोर (अर्थात् भंडारित) करने और आवश्यकता होने पर उन्हें इतने ही तेजी से उपलब्ध कराने की भी क्षमता हो, नहीं तो उसकी तीव्र गति का कोई उपयोग नहीं हो सकेगा। इसलिए त्येक कम्प्यूटर में सूचनाओं का भंडारण करने की क्षमता होती है। जिस प्रकार हम अपनी स्मृति या दिमाग में घटनाओं और दृश्यों याद रखते हैं, उसी प्रकार कम्प्यूटर भी अपनी मैमोरी (Memory) में सूचनाओं या आँकड़ों को याद रखता है। लेकिन हमारी दाश्त जहाँ असीमित होती है, वहीं कम्प्यूटर की याद्दाश्त सीमित होती है।
वास्तव में कम्प्यूटर की मैमोरी को बहुत-से छोटे-छोटे खानों में बाँटा जाता है। ऐसे प्रत्येक खाने को एक स्थान (Location) बाइट (Byte) कहते हैं। हर बाइट एक छोटी संख्या को भंडारित कर सकती है। कम्प्यूटर में प्रत्येक प्रकार की सूचना को ख्याओं के रूप में रखा जाता है।
(3) शुद्धता (Accuracy)-कम्प्यूटर की एक बड़ी विशेषता यह है कि उसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की शुद्धता की दर आजकल बहुत ऊँची होती है। दूसरे शब्दों में, उसके कलपुर्जों की विश्वसनीयता इतनी अधिक होती है कि गलती होने की संभावना लगभग शून्य होती है। यदि कोई मनुष्य एक ही काम कई बार करता है, तो हर बार उसके काम में शुद्धता की मात्रा (या दर) अलग-अलग
होती है, परन्तु कम्प्यूटर की विशेषता यह है कि यदि वह कोई भी काम लाख बार भी करेगा तो भी उसका कार्य उतना ही शुद्ध होगा। कम्प्यूटर के इस गुण का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यदि उसकी तीव्र गति के साथ शुद्धता की ऊँची दर नहीं जुड़ी होगी, तो उसकी तेज गति का महत्त्व शून्य हो जायेगा।
(4) सक्षमता (Diligence) एक जड़ मशीन होने के कारण कम्प्यूटर पर बाहरी वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वह आकार किसी भी कार्य को बिना रुके लाखों-करोड़ों बार कर सकता है। मानव तथा अन्य प्राणियों की तरह उसे थकान, भूख, प्यास, ऊब छोटे, ग आदि का अनुभव नहीं होता और समय, स्थान, मौसम आदि का उसके ऊपर कोई प्रभाव नहीं होता। अपनी पूरी क्षमता से कार्य तेज थी करते रहने के लिए उसे केवल धूलरहित वातावरण और उचित तापमान की ही आवश्यकता होती है। इस गुण के कारण कम्प्यूटर प्रायः हर स्थिति में कार्य करने में सक्षम होता है।
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